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कविता का शाब्दिक अर्थ है काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छन्दों की शृंखलाओं में विधिवत बांधी जाती है। काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो अर्थात् वह जिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है।
कविता मनुष्य को भावात्मकता से जोड़ती है। मनुष्य को मनुष्य बने रहने की प्रेरणा देती है। जब-जब मानव जाति अपने कर्तव्य से विचलित होते रही हैं तब-तब कवियों की कविताएं उन्हें प्रेरणा देने का कार्य करती आई हैं।
कविता का उद्देश्य सौन्दर्यभाव पढ़ना सिखाना है। जब कवि किसी साधारण सी बात को भी अपनी कविता के माध्यम से सर्वप्रथम कविता का प्रयोजन विद्यार्थियों को उचित लय, गति व भाव के अनुसार कविता अनुभूति करते हुए परमानंद की प्राप्ति होती है।
कविता की मुख्य विशेषता रसानुभूति की प्रबलता होती हैं। कविता में मनुष्य अपनी विचारों और मन के भावों को लिखाता है। इसमें मनुष्य अपने भावना और कल्पना को महत्व देता है। कविता को रसभरी अनुभूति को व्यक्त करता है।
अच्छी कविता वही जो लोगों को सकूँन दे सके और वह पढ़ने वाले या सुनने वाले को अपनी खुद के ऊपर बीते हुआ लम्हों के अहसास जगाये। अच्छी कविता भाव को जगाने का एक अच्छा माध्यम है। कबीर से लेकर हिंदी साहित्य के नामचीन कवियों ने अपनी -अपनी कविताओं के माध्यम से समाज को जागरूक करने का प्रयास किया है।
ग़ज़ल के पहले शेर को क्या कहते हैं?
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शेर के पहले मिसरे को 'मिसर-ए-ऊला' और दूसरे को 'मिसर-ए-सानी' कहते हैं। ग़ज़ल के पहले शेर को 'मत्ला' कहते हैं। इसके दोनों मिसरों में यानि पंक्तियों में 'क़ाफिया' होता हैं।
शायरी सुनाने वाले को क्या कहते हैं?
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शायरी (شاعری), शेर-ओ-शायरी या सुख़न भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित एक कविता का रूप हैं जिसमें उर्दू-हिन्दी भाषाओँ में कविताएँ लिखी जाती हैं। शायरी में संस्कृत, फ़ारसी, अरबी और तुर्की भाषाओँ के मूल शब्दों का मिश्रित प्रयोग किया जाता है। शायरी लिखने वाले कवि को शायर या सुख़नवर कहा जाता है।
ग़ज़ल को हिन्दी मे क्या बोलते हैं?
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वह कविता जिसमें नायिका के सौन्दर्य और उसके प्रति प्रेम का वर्णन हो। फारसी ओर उर्दू में एक प्रकार का पद्य जिसमें दो दो कड़ियों का एक एक चरण होता है तथा प्रत्येक दूसरी कड़ी में अनुप्रास होता हैं।
शायरी का क्या मतलब होता है? :- शायरी, शेर-ओ-शायरी या सुख़न भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित एक कविता का रूप हैं जिसमें उर्दू-हिन्दी भाषाओँ में कविताएँ लिखी जाती हैं। शायरी में संस्कृत, फ़ारसी, अरबी और तुर्की भाषाओँ के मूल शब्दों का मिश्रित प्रयोग किया जाता है। शायरी लिखने वाले कवि को शायर या सुख़नवर कहा जाता है।
गीत और ग़ज़ल में क्या अन्तर है?
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हर ग़ज़ल को बतौर गीत गाया जा सकता है पर हर गीत को ग़ज़ल बनाया नहीं जा सकता। गीत – छंद युक्त या छंद मुक्त कुछ भी हो सकता है पर लय होना जरूरी है । गीत में राग होना भी वांछित (desirable ) है। पर ग़ज़ल हज़ारों छंदों में से कुछ खास किस्म के छंदों को ही कहा जाता है।